कहते हैं राजनीति में शब्दों का बहुत महत्त्व होता है। जो कुछ भी कहा जाता है बहुत सोच समझकर और विचार कर कहा जाता है। नीचे कुछ राजनीतिक बातें लिखी हुई हैं जिन्हे हर राजनीतिक व्यक्ति को पढ़ना चाहिए।
- मानव, स्वभाव से एक राजनीतिक पशु है। (अरस्तु)
- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं , श्रममूलं च वैभवम् ।
न्यायमूलं सुराज्यं स्यात् , संघमूलं महाबलम् ॥
अर्थात
( शक्ति स्वतन्त्रता की जड है , मेहनत धन-दौलत की जड है , न्याय सुराज्य का मूल होता है और संगठन महाशक्ति की जड है । )
- यथार्थ को स्वीकार न करनें में ही व्यावहारिक राजनीति निहित है ।— (हेनरी एडम)
- दंड द्वारा प्रजा की रक्षा करनी चाहिये लेकिन बिना कारण किसी को दंड नहीं देना चाहिये। (रामायण)
- वही सरकार सबसे अच्छी होती है जो सबसे कम शासन करती है ।
- राजनीतिक भाषा की रचना ऐसी हैं जिसमे झूठ को सच बताया जाता हैं और सच का बड़े सम्मान के साथ हत्या किया जाता हैं।
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