दीपावली पर लक्ष्मी
पूजन की युगों
पुरानी परम्परा है जिसे
हर एक भारतवासी
पूरे धूमधाम, श्रद्धा
भक्ति और हर्षोल्लास
के साथ मनाता
है। कहते हैं
कि धन की
अधिष्ठात्री देवी माता
लक्ष्मी हैं, जिन
व्यक्तियों पर माता
लक्ष्मी का आशीर्वाद
होता है उन्हें
कभी भी गरीबी
का मुँह नहीं
देखना पड़ता है
बल्कि वो लोग
दुनिया के सारे
सुखों को प्राप्त
करते हैं।
दीपावली के ही
दिन भगवान राम
अपने चौदह वर्षों
के वनवास के
बाद अयोध्या वापस
लौटे थे तो
अयोध्या वासियों ने घी
के दिए जलाकर
उनका स्वागत किया
था तब से लेकर आज तक लोग इस दिन को दीपावली
की तरह मनाते हैं।
दीपावली के दिन लक्ष्मी
पूजन करने का कारण यह है कि इस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या को समुद्र मंथन के दौरान
देवताओं और राक्षसों में अमृत पाने की होड़ लगी हुई थी तभी समुद्र की गहराई से देवी
लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी। देवी लक्ष्मी का विवाह बाद में इसी अमावस्या की अंधेरी
रात में भगवान विष्णु से हुआ था और घी के दिए
जलाकर इस विवाह की खुशियाँ मनाई गई थीं।
इसीलिए दीपावली के दिन
लक्ष्मी पूजा करने
से कभी भी
सुख,संपत्ति और
ऐश्वर्य की कमी
नहीं होती है।
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