हाल ही में
डीजल पेट्रोल की
बढ़ी हुई कीमतों
के कारण जनता
में उपजे असंतोष
को शांत करने
के लिए एवं
आम आदमी को
महंगाई से राहत
दिलाने के लिए
मोदी सरकार ने
डीजल पेट्रोल में
उत्पाद शुल्क २ रूपए
घटाने का विचार
किया है।
सूत्रों के मुताबिक,
वित्त मंत्रालय शुरूआत में
राजस्व में कमी
की चिंताओं के
कारण एक्साइज ड्यूटी
कम करने के
विचार में नहीं
था , लेकिन पेट्रोलियम
मंत्रालय के दबाव
की वजह से
यह बड़ा कदम
उठाया गया। सरकार ने 4 अक्टूबर
2017 से पेट्रोल और डीजल
(ब्रांडेड और बिना
ब्रांडेड दोनों) पर मूल
उत्पाद शुल्क 2 रुपये प्रति
लीटर तक घटा
दिया है। इन
कटौती के कारण
राजस्व हानि 26,000 करोड़ रुपए
होगी चालू वित्त
वर्ष के बाकी
हिस्से में 13,000 करोड़ रुपये
का नुकसान संभावित
है।
दुनिया भर में
ईंधन की कीमतों
में वृद्धि हुई
है क्योंकि तूफान
ने पश्चिम में
रिफाइनरीज को क्षति
पहुंचाई, जिससे पेट्रोल और
डीजल की आपूर्ति
कम हो गई।
20 सितंबर को वित्त
मंत्री अरुण जेटली
ने उत्पाद शुल्क
में कटौती करने
से इंकार कर
दिया था। उन्होंने
कहा था, "सार्वजनिक
निवेश को बढ़ाने
के लिए हमें
एक्साइज ड्यूटी की जरूरत
है, और यदि
कोई राज्य इसे
कम करना चाहता
है, तो वे
ऐसा कर सकते
हैं।"
आम आदमी की
जरूरतों को देखते
हुए यह कदम
उठाना सरकार के
लिए जरुरी हो
गया था। बढ़ती
हुई कीमतों को
नियंत्रित करने के
लिए सरकार का
यह निर्णय मध्यमवर्गीय
परिवारों के लिए राहत
का काम करेगा।
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