दीपावली के दो
दिन पहले धनतेरस का त्यौहार धूम धाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है की कार्तिक महीने की त्रयोदशी
को भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। भगवान धनवंतरी भगवान विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा के विस्तार और प्रसार के
लिए ही भगवान विष्णु धनवंतरी के रूप में प्रकट हुए थे, धनतेरस मनाने का यह एक प्रमुख कारण है। धनतेरस
का दिन आभूषण, बर्तनों, वाहनों आदि की खरीद के लिए शुभ माना जाता है।
वैसे तो इस दिन पूरे समय खरीददारी करना शुभ माना जाता है, परन्तु शुभ मुहूर्त में की गई खरीददारी से दिन दूनी रात
चौगुनी तरक्की होती है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान् धन्वन्तरि एवं वैभव के
स्वामी कुबेर की भी पूजा होती है।
धनतेरस पूजा के
लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है।
ऐसा माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर
में ठहर जाती है।
अकाल मृत्यु से
बचने के लिए इस दिन यम के नाम का दीपक पूर्व दिशा की ओर जलाना चाहिए।
धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त = सायं 7:35 से 8:25 दिनांक 17/10/2017 दिन मंगलवार
No comments:
Post a Comment