वित्त मंत्री अरुण
जेटली ने रविवार को संकेत दिया कि एक बार राजस्व उछाल आने के बाद वस्तु एवं सेवा कर
(जीएसटी) के तहत स्लैब का दायरा कम किया जा सकता है।
जीएसटी को शुरू
हुए अभी २-३ महीने
ही हुए हैं,
अभी इसमें सुधार
के बहुत अवसर
उपलब्ध हैं। जहाँ
तक छोटे करदाताओं
का प्रश्न है
उनके लिए कंप्लायंस
के बोझ को
कम करने की
आवश्यकता है। यह
बात उन्होंने नेशनल
एकेडमी ऑफ कस्टम्स,इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड
नारकोटिक्स (NACIN) फरीदाबाद, द्वारा आयोजित
एक समारोह में
कही। वर्तमान में जीएसटी
की दर 0,5,12,18 और 28 प्रतिशत है, कुछ उत्पादों पर एक अतिरिक्त जीएसटी
मुआवजा उपकर भी लगाया जाता है।
वित्त मंत्री ने इस
बात पर बल
देते हुए कहा
कि अप्रत्यक्ष कर
का भार समाज
के सभी वर्गों
द्वारा उठाया जाता है, यह
आमतौर पर सरकार
का प्रयास है
कि वह बड़े
पैमाने पर उपभोग
के सामानों पर
कर दरों में
कमी लाए।
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